Janmashtami Speech in Hindi-जन्माष्टमी पर निबंध हिंदी में

Janmashtami Speech in Hindi

Janmashtami Speech in Hindi

Janmashtami Speech in Hindi-जन्माष्टमी पर निबंध हिंदी में

जन्माष्टमी का पवित्र त्यौहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पूरे हिंदू समाज के लिए आस्था और उत्साह का दिन होता है। जन्माष्टमी का त्यौहार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

लगभग पाँच हजार साल पहले, इसी दिन आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। तभी से यह धार्मिक पर्व हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता आ रहा है।

इस दिन की तैयारी लोग कई दिन पहले से शुरू कर देते हैं। श्रद्धालु लोग व्रत रखते हैं और मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाते हैं। रात में मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। जैसे ही आधी रात को श्रीकृष्ण जन्म का समय होता है, मंदिरों में शंख, घंटियाँ और घड़ियाल बजाकर खुशियाँ मनाई जाती हैं। इसके बाद प्रसाद बांटा जाता है। भक्तजन प्रसाद ग्रहण करके अपना व्रत पूरा करते हैं।

जन्माष्टमी के दिन गाँव और शहरों में जगह-जगह झूले, झाँकियाँ और सजावट देखने को मिलती है। इस मौके पर कई दिन पहले से ही तरह-तरह की मिठाइयाँ और पकवान बनने लगते हैं। इस दिन मंदिरों की सजावट देखने लायक होती है। मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है, जो रात में बहुत सुंदर लगती हैं।

श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा और वृंदावन में इस दिन का नज़ारा तो और भी खास होता है। यहाँ मंदिरों में भव्य सजावट और रोशनी देखने को मिलती है। कई मंदिरों और धार्मिक स्थानों पर गीता का अखंड पाठ भी होता है।

भारत के हिंदू समाज में इस पर्व का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक—दोनों तरह से खास महत्व है। यह त्यौहार हमें आध्यात्मिक और व्यवहारिक जीवन दोनों के लिए संदेश देता है। हर साल यह हमें नई प्रेरणा, नया उत्साह और नए संकल्प लेने की राह दिखाता है।

यह पर्व हमें जहाँ एक ओर भगवान श्रीकृष्ण के प्यारे बाल रूप की याद दिलाता है, वहीं दूसरी ओर हमें अपने उचित अधिकार पाने और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है।

इसलिए हमारा कर्तव्य है कि जन्माष्टमी के पवित्र दिन हम भगवान श्रीकृष्ण के अच्छे गुण अपनाने का संकल्प लें और अपने जीवन को सही मायने में सार्थक बनाएँ।

जन्माष्टमी पर 20 लाइन का निबंध

  1. जन्माष्टमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है।
  2. यह भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
  3. श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था।
  4. उनके पिता का नाम वसुदेव और माता का नाम देवकी था।
  5. यह त्योहार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।
  6. इस दिन मंदिरों को सजाया जाता है और भक्ति गीत गाए जाते हैं।
  7. लोग व्रत रखते हैं और आधी रात को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं।
  8. मथुरा और वृंदावन में इस त्योहार का विशेष महत्व है।
  9. कृष्ण जी की झांकियाँ निकाली जाती हैं और रासलीला का आयोजन किया जाता है।
  10. बच्चे कृष्ण के रूप में सजते हैं और मटकी फोड़ प्रतियोगिता होती है।
  11. मंदिरों में भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है।
  12. लोग अपने घरों में माखन-मिश्री का भोग लगाते हैं।
  13. इस त्योहार को दही हांडी के नाम से भी जाना जाता है।
  14. महाराष्ट्र में यह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
  15. भगवान कृष्ण के जीवन से हमें सत्य और धर्म की शिक्षा मिलती है।
  16. उनके उपदेशों को ‘भगवद् गीता’ में संकलित किया गया है।
  17. इस दिन लोग अपने घरों में कीर्तन और भजन करते हैं।
  18. जन्माष्टमी हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देती है।
  19. यह त्योहार भाईचारे और प्रेम का प्रतीक है।
  20. जन्माष्टमी का पर्व हमें श्रीकृष्ण की लीलाओं से प्रेरणा लेने की प्रेरणा देता है।

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